October 09, 2025

ग्रीनलीफ इनवायरोटेक ने किया निराश, कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर । वेस्टवाटर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए इंजीनियरिंग, प्रोक्यूरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाली कंपनी ग्रीनलीफ एंवायरोटेक के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में कमजोर एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 136 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 0.81 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 134.90 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर थोड़ी देर में ही गिर कर 128.15 रुपये के लोअर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 5.77 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

ग्रीनलीफ एंवायरोटेक का 21.90 करोड़ रुपये का आईपीओ 30 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 3.84 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 4.16 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 3.52 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 3.52 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 17.81 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 3 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी मशीनरी और इक्विपमेंट्स की खरीदारी करने, पुराने कर्ज का बोझ हल्का करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 97 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 2.28 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 4.70 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की आय 21 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 39.08 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में लगातार कमी आई। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी पर 6.12 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 5.13 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 2.49 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 1.12 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 3.09 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 7.79 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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