October 09, 2025

ज़मीन में दबे 100 से ज़्यादा सोने-चाँदी के सिक्के 'शैतान का खजाना खोज निकाले।

ऐसी कई चीज़ें होती हैं जिन्हें छूना या छेड़ना नहीं चाहिए, और नीदरलैंड में हुई यह खोज इस बात को सच साबित करती है। एक व्यक्ति ने मेटल डिटेक्टर की मदद से ज़मीन में दबे 100 से ज़्यादा सोने-चाँदी के सिक्के खोज निकाले। उसने तुरंत पुरातत्व विभाग को सूचित किया, जिसके बाद एक टीम पहुँची और जाँच शुरू की। इस खोज से पता चला कि ये सिक्के 1,300 साल पहले उस जगह पर दबे थे जिसे असल में "शैतान का धन" कहा जाता है। यह जगह 7वीं शताब्दी का एक खुला धार्मिक स्थल था।

इन सिक्कों से क्या पता चला? पुरातत्वविदों द्वारा मध्यकालीन पुरातत्व पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि ये सिक्के फ्रैंकिश साम्राज्य के टकसालों (सिक्के बनाने वाले स्थलों) से आए थे। ये सभी सिक्के गहनों के साथ दबे हुए थे। वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया कि यह धार्मिक स्थल संभवतः पास की किसी बस्ती से जुड़ा था जहाँ एक बंद पूजा स्थल या अनुष्ठान स्थल था। खुदाई से क्या पता चला? यह खोज 2020-21 में हुई थी। धीरे-धीरे, इस स्थल से कई जानकारियाँ सामने आईं, जिनसे पता चला कि लगभग 700 ईस्वी में यहाँ धार्मिक अनुष्ठान किए जाते थे। शैतान का पैसा उन सिक्कों को संदर्भित करता है जो अनुष्ठान पूरा होने के बाद पूजा स्थलों पर छोड़ दिए जाते थे। पॉपुलर मैकेनिक्स के अनुसार, वैज्ञानिकों को इस स्थल पर पशु बलि के प्रमाण भी मिले हैं। उन्हें 24 टूटे हुए या अक्षुण्ण सोने के सिक्के और सोने-चाँदी के आभूषण भी मिले हैं।

इस खोज से क्या पता चला? इस स्थल पर खुदाई से पता चला है कि 100 वर्षों में अलग-अलग समय पर यहाँ सोने के सिक्के और आभूषण रखे गए थे। अलग-अलग समय पर पशु बलि भी दी जाती थी। इन सब से पता चलता है कि इस स्थल पर मूर्तिपूजक देवताओं को बलि जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते थे। इस अध्ययन का नेतृत्व नीदरलैंड सांस्कृतिक विरासत एजेंसी के जॉन-विलेम डी ने किया था। उन्हें छठी शताब्दी के एक बड़े घर और पुरानी संरचनाओं के प्रमाण भी मिले। इसके अलावा, जॉन ने 17 स्तंभों के निशान भी खोजे जो सीधे वसंत और शरद ऋतु की दिशा में इंगित करने के लिए डिज़ाइन किए गए थे। इस खोज ने इस विचार को पुष्ट किया कि यह स्थल ऋतुओं और फसलों से संबंधित धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र था। 

Advertisement








Tranding News

Get In Touch

hindnesri24news@gmail.com

Follow Us

© Hind Kesari24. All Rights Reserved.